नमस्कार मित्रों, पिछले पोस्ट में हमने जाना था कि टर्म इन्शुरन्स क्या है टर्म इन्शुरन्स क्यों लेना चाहिए और टर्म इन्शुरन्स कैसे लें और इससे जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में जाना था जो आप उस पोस्ट पर जाकर पढ़ सकते हैं।
यहाँ हम टर्म इन्शुरन्स के छुपे तथ्यों (Term Insurance Hidden Facts) और टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्शन के कारणों (Term Insurance Claim Rejection Reasons) के बारे में जानने वाले हैं।
जीवन की अनिश्चितताओं और जोखिमों से अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए, और अपने जाने के बाद अपने परिवार को आर्थिक रूप से खुशहाल रखने के लिए टर्म इन्शुरन्स लेना बहुत जरुरी होता है।
इसीलिए हम अपने लिए टर्म इन्शुरन्स प्लान लेते है जिससे यदि हमें कुछ हो जाए तो हमारे परिवार पर किसी प्रकार का आर्थिक संकट न आये और वे सम्मान पूर्वक अपना जीवन गुजार सकें।
पर टर्म इन्शुरन्स से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य (Term Insurance Hidden Facts) होते हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए ताकि आप टर्म इन्शुरन्स की सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग कर सकें।
इसके साथ ही आपने कई बार देखा होगा कि लोगों के टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्ट हो जातें हैं तो टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्ट होने के भी कुछ कारण (Term Insurance Claim Rejection Reasons) होते हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए,
ताकि जब आपके परिवार वाले आपके टर्म इन्शुरन्स का दावा (क्लेम) करें तो उनका क्लेम रिजेक्ट न हो, तो आइये टर्म इन्शुरन्स से जुड़े तथ्यों और टर्म इन्शुरन्स क्लेम के रिजेक्ट होने के कारणों के बारे में जानते हैं।
टर्म इन्शुरन्स के छुपे तथ्य (Term Insurance Hidden Facts)
असली लाइफ इन्शुरन्स
टर्म इन्शुरन्स ही असली लाइफ इन्शुरन्स होता है बाकि सब जैसे ULIPs, एंडोवमेंट प्लान, मनी बैक प्लान ये सब मार्केटिंग की मार्केटिंग ट्रिक्स और चालबाजियां होती हैं क्युकि इनमे आपके पैसे को शेयर बाजार व अन्य जगहों पर इन्वेस्ट किया जाता है।
और आपको मिलने वाला रिटर्न इन सब निर्भर करता है पर टर्म इन्सुरन्स में आपके प्रीमियम का पैसा कहीं इन्वेस्ट नहीं किया जाता और यह आपको सबसे ज्यादा पैसे का लाइफ कवर भी प्रदान करता है।
85 साल तक का कवर
टर्म इन्शुरन्स से लोगों को एक शिकायत होती है कि यदि टर्म इन्शुरन्स पालिसी लेने वाले की पॉलिसी अवधि के दौरान मौत नहीं होती तो उन्हें कुछ नहीं मिलता पर आपको शायद यह नहीं पता की आप 85 साल तक के लिए टर्म इन्शुरन्स प्लान ले सकते हैं।
और इंडिया में तो लोगों की औसत आयु 60-65 वर्ष है तो आप खुद समझ सकते हैं कि आपकी पालिसी बेकार नहीं जाएगी यदि आप औसत आयु से ज्यादा भी जीते हैं तो भी आपकी पालिसी आपको जीवन भर कवर कर सकती है।
पर यह ध्यान रखें कि सभी टर्म इन्शुरन्स प्रोवाइडर्स की ऐज लिमिट अलग-अलग हो सकती है और जरुरी नहीं कि सब इतने समय की पालिसी प्रदान करें।
सबसे कम प्रीमियम सबसे ज्यादा कवर
टर्म इन्शुरन्स प्लान ऐसा लाइफ इन्शुरन्स प्लान होता है जो बाकि अन्य सभी प्रकार के लाइफ इन्शुरन्स से सस्ता होता है और साथ ही इसमें मिलने वाला बीमा कवर भी अन्य सभी लाइफ इन्शुरन्स से अधिक होता है।
टर्म प्लान लेना ऑनलाइन शॉपिंग करने जितना आसान
टर्म इन्शुरन्स लेना ऑनलाइन शॉपिंग करने जितना आसान होता है जिसे आप बहुत ही आसानी से खुद ऑनलाइन ले सकते हैं इन्शुरन्स कंपनी की वेबसाइट पर जाइये प्लान सेलेक्ट कीजिये।
अपनी डिटेल्स और डाक्यूमेंट्स सबमिट कीजिये, प्रीमियम का भुगतान कीजिये और कुछ वारीफिकेशन के बाद आपकी पालिसी एक्टिवेट हो जाएगी।
आय का 20 गुना कवर
टर्म इन्शुरन्स ही एक ऐसा जीवन बीमा है जो आपको सबसे ज्यादा बीमा कवर प्रदान करता है, आप अपनी आय का 20 गुना तक का बीमा कवर ले सकते हैं अर्थात यदि किसी की वार्षिक आय 5 लाख रूपए है तो वह 1 करोड़ रूपए तक का टर्म इन्शुरन्स ले सकता है।
एड ऑन या राइडर
टर्म प्लान में आपको एड ऑन जोड़ने की सुविधा मिलती है जिससे आप उन चीजों को भी अपने इन्शुरन्स में कवर कर सकते हैं जो नार्मल टर्म प्लान में कवर नहीं होती इससे आपको बीमारी, एक्सीडेंट, अपंगता आदि को भी अपने टर्म प्लान में कवर करने का मौका मिल जाता है।
अब तक हमने टर्म इन्शुरन्स प्लान के तथ्यों (Term Insurance Hidden Facts) को जाना आइये अब उन कारणों को जानते हैं जिनके कारण आपको टर्म इन्शुरन्स क्लेम नहीं मिलता या आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है।
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टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्ट होने के कारण (Term Insurance Claim Rejection Reasons)
हमने Term Insurance Hidden Facts के बारे में जाना जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए पर बहुत से लोगों को टर्म इन्शुरन्स का क्लेम नहीं मिलता जिसके कई कारण होते हैं आइये उनके बारे में जानते हैं =>
पॉलिसीधारक की हत्या
टर्म इन्शुरन्स कंपनी पॉलिसीधारक की हत्या की स्थिति में इन्शुरन्स क्लेम देने से मना कर सकती है, यदि किसी पॉलिसीधारक की हत्या हो जाती है और उसकी हत्या में उसके नॉमिनी की भूमिका होती है तो बीमा कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है।
इसके साथ ही यदि पॉलिसीधारक किसी तरह के आपराधिक कार्यों में लिप्त होता है और किसी कारण उसकी हत्या हो जाती है तो भी बीमा कंपनी इन्शुरन्स क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है।
शराब पीने की वजह से मृत्यु
यदि कोई व्यक्ति जिसने टर्म इन्शुरन्स करा रखा हो और यदि वह शराब पीकर गाड़ी चलाता है और यदि उस स्थिति में एक्सीडेंट या किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है या उस पॉलिसीधारक ने ड्रग्स आदि का सेवन किया होता है,
तो बीमा कंपनी उसके इन्शुरन्स क्लेम का भुगतान करने से मना कर सकती है। वैसे भी इन्शुरन्स कंपनियां ज्यादा शराब पीने वालों को टर्म इन्शुरन्स प्रदान ही नहीं करती।
टर्म प्लान लेते समय स्मोकिंग को छुपाना
अगर आप किसी तरह का धूम्रपान (बीड़ी या सिगरेट) करते हैं और यदि आपने इन्शुरन्स पालिसी लेते समय इस बात को छुपाया है या बीमा लेने से पहले बीमा कंपनी को इस बारे में जानकारी नहीं दी तो बीमा कंपनी आपके मुआवजे के दावे को ख़ारिज कर सकती है।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य समस्यांए होने का खतरा ज्यादा होता है और बीमा कंपनी ऐसे व्यक्तियों को बीमा पालिसी देने के लिए ज्यादा प्रीमियम चार्ज करती हैं।
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जिन्हें खतरों से खेलना पसंद है
अगर आपको खतरों से खेलना पसंद है तो टर्म इन्शुरन्स प्लान जैसी स्कीम्स आपके लिए नहीं हैं किसी एडवेंचर या खतरनाक एक्टिविटी में भाग लेने से हुई मौत पर भी बीमा कंपनी आपके इन्शुरन्स का क्लेम देने से इंकार कर सकती है।
जीवन को खतरा पैदा करने वाली कोई भी गतिविधि इसके अंतर्गत आती है कार या बाइक रेस, स्काई डाइविंग, पैरा ग्लाइडिंग आदि भी इसके अंतर्गत आते हैं।
पुरानी बीमारी की वजह से मृत्यु
अगर आपको पहले से कोई बीमारी है या पहले से ही आपकी तबियत ख़राब है और आपने टर्म प्लान लेते समय बीमा कंपनी को इस बारे में जानकारी नहीं दी या अपनी बीमारी को छुपाया है,
तो उस बीमारी की वजह से मृत्यु होने पर बीमा कंपनी आपके मुआवजे के दावे को ख़ारिज कर सकती है रेगुलर टर्म प्लान में ऐसी कई वजहें होती हैं जिनके कारण मृत्यु होने पर उनको बीमा में कवर नहीं किया जाता।
इनमे एसटीडीम, HIV एड्स आदि शामिल हैं।
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गर्भावस्था में हुई मौत
अगर पॉलिसी लेने वाली महिला की बच्चे को जन्म देते समय किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में नॉमिनी को उसके टर्म प्लान का मुआवजा नहीं मिल सकता।
सामान्य टर्म पालिसी में बच्चे को जन्म देते समय किसी गड़बड़ी के कारण हुई मृत्यु को कवर नहीं किया जाता, आपको इसे कवर करने के लिए अपने बीमा प्लान में राइडर को जोड़ना पड़ता है।
आत्महत्या की स्थिति में
अगर टर्म पॉलिसी लेने वाला व्यक्ति पॉलिसी लेने के पहले साल में ही आत्महत्या कर लेता है तो बीमा कंपनी उसके लिए बीमा के क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है,
हलाकि बहुत सी बीमा कंपनियां पॉलिसी लेने के दूसरे साल से आत्महत्या में बीमा कवरेज प्रदान करने लगती हैं इसीलिए बीमा पालिसी के नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
प्राकृतिक आपदा में मौत
यदि टर्म इन्शुरन्स लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु किसी प्राकृतिक आपदा के कारण हो जाती है तो कंपनी इन्शुरन्स क्लेम देने से मना कर सकती है, इसमें चक्रवात, भूकंप, बाढ़, सुनामी आदि शामिल हैं।
इसके अलावा भी कई अन्य कारण हो सकते हैं जैसे सही डाक्यूमेंट्स प्रस्तुत ना करना आदि, पर ऊपर बताये गए कारण ऐसे कारण हैं जिनके बारे में व्यक्ति विचार नहीं करते और बाद में इन्शुरन्स क्लेम ना मिलने पर उनके परिवार को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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यहाँ हमने टर्म इन्शुरन्स से जुड़े तथ्यों (Term Insurance Hidden Facts) और टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्ट होने के कारणों (Term Insurance Claim Rejection Reasons) के बारे में सबकुछ बताने का प्रयास किया है,
यदि आपके मन में Term Insurance Hidden Facts और टर्म इन्शुरन्स क्लेम रिजेक्ट होने के कारणों (Term Insurance Claim Rejection Reasons) से सम्बंधित कोई और सवाल हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताये हमें आपके सवालों के जवाब देने में बहुत ख़ुशी होगी।
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